King Kohli ने खाई क़सम: चुन चुन के बदला लूँगा!




कल का दिन आपने याद रखा कि नहीं। कल यानी नवंबर 14। आप कहेंगे कि ये दिन किसे नहीं मालूम है। ये बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पर भाइयों, हम क्रिकेट की बात कर रहे हैं। कोई सामान्य ज्ञान का सवाल नहीं पूँछ रहे हैं। तो क्रिकेट के लिहाज़ से ये दिन यादगार इसलिए है कि इस दिन विराट कोहली ने ODI क्रिकेट में अपना 50वाँ शतक पूरा किया था। और वो भी कोई छोटा मोटा मैच नहीं था। वर्ल्ड कप का सेमी-फाइनल था। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पिछले साल, 2023 में, 14 नवंबर को खेला गया था। ये हमें भी याद रखना चाहिए और विराट कोहली को भी। इस शतक के बाद कोहली अपने हीरो सचिन तेंदुलकर से भी आगे निकल गये थे। तेंदुलकर ने 49 ODI शतक अपने जीवन में लगाये थे। कोहली के अब 50 हैं। ऑस्ट्रेलिया में तो अभी से हल्ला मच गया है कि किंग कोहली आ गया। वो अभी भी कोहली से डर रहे हैं। वो डर रहे हैं, हमें अच्छा लगा। उनको इस बात से मतलब नहीं कि विराट न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हाल की टेस्ट श्रृंखला में सिर्फ़ 93 रन छह पारियों में बटोर पाये थे। उनको ये मालूम है कि विराट ऑस्ट्रेलिया में किस तरह राजा की तरह बल्लेबाज़ी करते हैं। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में 13 मैच खेले हैं और 1352 रन बनाये हैं, जिसमें छह शतक और चार अर्ध शतक हैं और औसत 54 का है। यानी ऑस्ट्रेलिया में मैच हो और कोहली ना दहाड़े, ये हो नहीं सकता। अभी से ऑस्ट्रेलिया में अख़बार उनके आने को लेकर पन्ने रंग रहे हैं। देखिए तो एक ये अख़बार। और यही भी देखिए दूसरा अख़बार। यहाँ तक कि श्रृंखला के टीवी ब्रॉडकास्टर ने भी किंग कोहली के लिए ये पोस्टर निकला है। डेविड वार्नर भी कह रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया के विकेट बल्लेबाज़ों को मदद करेंगे। इंडिया की तरह मुश्किल नहीं होंगे। और ऐसी विकेटों पर इंडिया के बल्लेबाज़ अपना फॉर्म पा सकते हैं। उधर पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर का भी ये मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में हमें पुराने कोहली दिखाई दे सकते हैं। गावस्कर कहते हैं कि मुझे 2016 का उनका पर्थ का शतक आज भी याद है। मैंने उससे अच्छे शतक कम ही देखे हैं है। गावस्कर की लेकिन कोहली को एक राय है। गावस्कर कहते है कि कोहली को ये कोशिश करनी चाहिए कि शुरुआत की कुछ गेंदें शांति से खेलें। हड़बड़ी ना करें। एक बार अगर उन्होंने कुछ गेंदें खेल लीं तो उनकी लय और ताल वापस आ जाएगी और हमें अपना पुराना कोहली वापस मिल जाएगा। गावस्कर ये भी कहते हैं कि कोहली ने काफ़ी दिनों से रन नहीं बनाये हैं और इसलिए वो काफ़ी भूखे होंगे। ये जो उनकी आग है वो टीम इंडिया को फ़ायदा देगी और ऑस्ट्रेलिया को नुक़सान। जहां लोग कोहली के रिटायरमेंट की बात कर रहे हैं, वो कहना शुरू कर देंगे, कोहली, कोहली। काश कोहली फॉर्म में आ जायें। अगर कोहली ने क्रीज़ पकड़ ली, क्रीज़ से चिपक गये तो आने वाली श्रृंखला यादगार बन जाएगी। न्यूज़ीलैंड श्रृंखला का दर्द गहरा है। इसपर मरहम पट्टी की ज़रूरत है। वो कोहली के बग़ैर नहीं हो पाएगा। भले ही टीम इंडिया में प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर हैं पर कोहली के बग़ैर वो स्नैक्स हैं, पूरा खाना नहीं। और पूरा खाना तभी परसेगा, जब कोहली टेबल पर होंगे। 22 नवंबर से शुरू होगी वो श्रृंखला जो कोहली के लिए तो काँटे की है ही, इण्डियन क्रिकेट के लिये भी एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।